'माँ'-एक छोटे-से शब्द में समाये पूरे संसार के , हर इंसान के अस्तित्व के, परवरिश, प्यार और विश्वास के प्रमाण का नाम है यह नाम तो हर पल के, हर तार में धड़कता है इसे एक दिन याद नही किया जा सकता क्योकि इसे तो किसी भी पल भुलाया ही नही जा सकता
महसूस करके देखिये, माँ किस जादू का नाम है वह हर पल उस शह से जुड़ी रहती है, जिसे जन्म दिया और उससे भी जिसे माँ ने जन्म दिया सबसे टूट जाने, कट जाने के बहने ढूढती हमारी दुनिया में ऐसी शह की मौजूदगी आपको जादू से कम लगती है?
इसीलिए तो आज ख़ुद पिता बन चुके अपने बेटे के बचपन में बहे किसी आंसू के लिए भी वह ख़ुद को जिम्मेदार मानती है आख़िर माँ है- ताउम्र उस लम्हे का अफ़सोस मानती है कि वह अपने बच्चे के आंसू पोंछ न सकी
कोई हो ही नही सकता माँ जैसा इसीलिए तो हम सब सिर्फ़ इंसान है और हमारे बीच एक वही है, जिसे ईश्वर ने अपना प्रतिनिधि बनाया है
इस ईश्वर को नमन !
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