माँ शब्द उच्चारते ही लबखुल जाते हैं, मानो कह रहे हों, लो दिल की दरीचे खुल गए , अब भावनाओ की गांठे खोल दो, बहने दो मन को माँ जो सामने है |
अपनी तकलीफ पर उसने आंसू बहाए अकेले,जब तुम्हे तकलीफ हुई, वो रोई तुम्हारे साथ.जब तुमने कहा," माँ, यह जरूरी है ".उसने दुआ की तुम्हारे लिए |इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
अपनी तकलीफ पर उसने आंसू बहाए अकेले,
ReplyDeleteजब तुम्हे तकलीफ हुई, वो रोई तुम्हारे साथ.
जब तुमने कहा," माँ, यह जरूरी है ".
उसने दुआ की तुम्हारे लिए |
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....