माँ चन्दन की गंध है, माँ रेशम का तार ।
बंधा हुआ जिस तार से, सारा ही घर द्वार ।
माँ थी घर में जब तलक , जुड़े रहे सब तार ।
माँ के जाते ही उठी, आँगन में दीवार ।
यहाँ वहां सारा जहाँ, नापे अपने पाँव ।
माँ के आँचल सी, नहीं और कही भी छावं ।
रिश्तों का इतिहास है, रिश्तों का भूगोल ।
बंधा हुआ जिस तार से, सारा ही घर द्वार ।
माँ थी घर में जब तलक , जुड़े रहे सब तार ।
माँ के जाते ही उठी, आँगन में दीवार ।
यहाँ वहां सारा जहाँ, नापे अपने पाँव ।
माँ के आँचल सी, नहीं और कही भी छावं ।
रिश्तों का इतिहास है, रिश्तों का भूगोल ।
संबंधों में जोड़ का , माँ है फेविकोल ।
रिश्तों का इतिहास है, रिश्तों का भूगोल ।
ReplyDeleteसंबंधों में जोड़ का , माँ है फेविकोल ।
वाह!!!!