ये माँ तेरी सूरत से अलग , भगवान की सूरत क्या होगी,
तेरे आँचल के पहलु से ज्यादा, सुकून और फुर्सत क्या होगी,
वर्षों तरासो कोई मूरत फिर भी , तुम जैसी हसीं मूरत क्या होगी ,
लाख कर लू मई पूजा उस भगवान की , पर तेरे आशीष से ज्यादा मेरी जरूरत क्या होगी
ये माँ तेरी सूरत से अलग , भगवान की सूरत क्या होगी.
तेरे आँचल के पहलु से ज्यादा, सुकून और फुर्सत क्या होगी,
वर्षों तरासो कोई मूरत फिर भी , तुम जैसी हसीं मूरत क्या होगी ,
लाख कर लू मई पूजा उस भगवान की , पर तेरे आशीष से ज्यादा मेरी जरूरत क्या होगी
ये माँ तेरी सूरत से अलग , भगवान की सूरत क्या होगी.
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