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Saturday, 24 April 2010


माँ है
तो लोरी है। शगुन है
माँ है
तो गीत है। उत्सव है
माँ है
तो मंदिर है। मोक्ष है
माँ है
तो मुमकिन है शहंशाह होना,
माँ के आँचल से बड़ा
दुनिया में कोई साम्राज्य नहीं।


5 comments:

  1. माँ के आँचल से बड़ा
    दुनिया में कोई साम्राज्य नहीं।

    bahut sahi kaha hai kisi ne......

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  2. nice nikita ji.... aapke vichaar wakai bahut achche hai.

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  3. bahut khoob kikhiti rahie.....................

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  4. माँ के आँचल से बड़ा
    दुनिया में कोई साम्राज्य नहीं।
    ....बहुत खूब,लाजवाब!!!

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  5. बिलकुल सही
    माँ के आँचल से बड़ा
    दुनिया में कोई साम्राज्य नहीं।

    बेहतरीन सत्य है

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