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Sunday 14 March 2010

माँ के लिए कविता !

माँ तू कितनी अच्छी है !




तुम चली गयी दुसरे शहर,
उसने बात को समझा.
व्यस्त हो तुम, भूल गयी रोज एक फ़ोन करना,
उसने बुरा नहीं माना.

अपनी तकलीफ पर उसने आंसू बहाए अकेले,
जब तुम्हे तकलीफ हुई, वो रोई तुम्हारे साथ.
जब तुमने कहा," माँ, यह जरूरी है ".
उसने दुआ की तुम्हारे लिए |