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Saturday 22 October 2011

माँ तू होती तो !

नींद बहुत आती है पढ़ते पढ़ते,
माँ होती तो कह देता, एक प्याली चाय बना दे.

थक गया जली रोटी खा खा कर,
माँ तू होती तो कह देता पराठे बना दे.

भीग गयी आंसुओ से आँख मेरी,
माँ तू होती तो कह देता आँचल दे दे.

रोज वही कोशिश खुश रहने की,
माँ तू होती तो थोडा मुस्कुरा लेते.

देर रात हो जाती है घर पहुँचते पहुँचते,
माँ तू होती तो वक़्त से घर लौट आता.

सुना है कई दिनों से तू भी नहीं मुस्कुराई,
ये मजबूरियां न होती तो कब का घर चला आता.

बहुत दूर निकल आया हूँ अपने घर से,
माँ अगर तेरे सपनो की परवाह न होती तो घर लौट आता !

Tuesday 17 May 2011

अक्सर माँ कहती है !

  • " तुम किसे ज्यादा प्यार करते हो? मम्मी या पापा? "
  • " बाल गीले हों तो, पंखे के नीचे मत सोओ, तुम्हे ठण्ड लग जाएगी. "
  • " दिनभर टीवी देखोगे तो तुम्हारी आँखे ख़राब हो जाएँगी. "
  • " बार-बार वही पुरानी कहानी सुनकर तुम थकते नहीं ? "
  • " सभी सब्जियां ख़त्म कर दो... नहीं तो तुम्हारी लम्बाई कभी नहीं बढ़ेगी. "
  • " पहुँचते ही मुझे फ़ोन करना मत भूलना... ओ.के. ? "
  • " तुम्हारा कपबोर्ड कपड़ो से भरा हुआ है फिर भी तुम्हारे पास पहनने को कुछ भी नहीं है ? "
  • " पापा को आने दो, फिर देखना ! "
  • " जब मै तुम्हारी उम्र की थी तो मेरी शादी हो चुकी थी ! "
  • " आजकल के बच्चे !!! हम कितने अलग थे ! "
वक़्त के साथ चीज़े बदलती है, शुक्र है कुछ चीज़े बिलकुल नहीं बदलती, खासकर वो माँ होने का अनुभव जिसे मातृत्व कहा जाता है, उदाहरण के लिए वे बातें तो तुम्हारी मम्मी तुमसे कहा करती थी. अब तुम विश्वास करो, या न करो... आप भी उन्ही बातो को दोहराओगे, किसी दिन अपने नन्हे के लिए.

Sunday 8 May 2011

माँ हूँ मै !

माँ और बच्चों के प्रेम को दुनिया का सबसे अनोखा रिलेशन माना गया है. गरीब हो या अमीर, माँ ही अपने बच्चों को अन-कंडीशनल (बेशर्त) प्रेम करने की चमता रखती है. यह भाव सिर्फ मानव में नहीं है, प्रकृति की हर जीवंत रचना में है |

  • माँ वह है, जो सबकी जगह ले सकती है, लेकिन उसकी जगह कोई नहीं ले सकता |
  • अपनी माँ के बारे में बताना उसी तरह से है, जिस तरह ईशवर की शक्ति के बारे में बताना |
आइये सब मिलकर सलाम करे उस माँ को जो हमे बेपनाह प्यार करती है |

Monday 14 March 2011

माँ से बड़ा न कोई !

स्वामी विवेकानंद जी से एक जिज्ञासु ने प्रश्न किया," माँ की महिमा संसार में किस कारण से गायी जाती है? स्वामी जी मुस्कराए, उस व्यक्ति से बोले, पांच सेर वजन का एक पत्थर ले आओ | जब व्यक्ति पत्थर ले आया तो स्वामी जी ने उससे कहा, " अब इस पत्थर को किसी कपडे में लपेटकर अपने पेट पर बाँध लो और चौबीस घंटे बाद मेरे पास आओ तो मई तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दूंगा |"
            स्वामी जी के आदेशानुसार उस व्यक्ति ने पत्थर को अपने पेट पर बाँध लिया और चला गया | पत्थर बंधे हुए दिनभर वो अपना कम करता रहा, किन्तु हर छण उसे परेशानी और थकान महसूस हुई | शाम होते-होते पत्थर का बोझ संभाले हुए चलना फिरना उसके लिए असह्य हो उठा | थका मांदा वह स्वामी जी के पास पंहुचा और बोला , " मै इस पत्थर को अब और अधिक देर तक बांधे नहीं रख सकूँगा | एक प्रश्न का उत्तर पाने क लिए मै इतनी कड़ी सजा नहीं भुगत सकता |"
            स्वामी जी मुस्कुराते हुए बोले, " पेट पर इस पत्थर का बोझ तुमसे कुछ घंटे भी नहीं उठाया गया और माँ अपने गर्भ में पलने वाले शिशु को पूरे नौ माह तक ढ़ोती है और ग्रहस्थी का सारा काम करती है | संसार में माँ के सिवा कोई इतना धैर्यवान और सहनशील नहीं है इसलिए माँ से बढ़ कर इस संसार में कोई और नहीं | किसी कवी ने सच ही कहा है : -

जन्म दिया है सबको माँ ने पाल-पोष कर बड़ा किया |
कितने कष्ट सहन कर उसने, सबको पग पर खड़ा किया |
माँ ही सबके मन मंदिर में, ममता सदा बहाती है |
बच्चों को वह खिला-पिलाकर, खुद भूखी सो जाती है |
पलकों से ओझल होने पर, पल भर में घबराती है |
जैसे गाय बिना बछड़े के, रह-रह कर रंभाती है |
छोटी सी मुस्कान हमारी, उसको जीवन देती है |
अपने सारे सुख-दुःख हम पर न्योछावर कर देती है |