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Friday 10 May 2013


मई महीने का दूसरा रविवार विश्व के ज्यादातर देशों में मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
हमारे जीवन का हर दिन माँ के नाम समर्पित होना चाहिए क्योकि वो ही हमारे जीवन का आधार है...
आज मातृ दिवस के मौके पर पेश है माँ के नाम समर्पित कुछ लाइने....

माँ कुछ ऐसी होती है,
माँ कुछ ऐसी होती है.

एक नया रिश्ता दे देता,
खेल खेल में एक कहानी.
मंद मंद मुस्कान बिछाकर,
पेट पालती प्रेम निशानी.
जीवन बगिया को महका कर,
जनती सीपी मोती है.

माँ कुछ ऐसी होती है...

खेल खेलाती, बातें कराती,
हाथ पकड़ चलन सिखलाती.
रुखा-सुखा खुद खा लेती.
सबसे अच्छा मुझे खिलाती.
मुझको सूखा बिस्तर देती,
गीले बिस्तर पर सोती है.

माँ कुछ ऐसी होती है...

चलते चलते गिर पड़ता तो,
मुझे उठा कर सहला देती.
चोट लगे तो में रो देता,
मेरे संग वो भी रो देती.
उसके भीतर मै रहता हूँ ,
मेरे भीतर वह होती है.

माँ कुछ ऐसी होती है...
माँ कुछ ऐसी होती है...


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