Contact Us

Friday 10 May 2013


मई महीने का दूसरा रविवार विश्व के ज्यादातर देशों में मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
हमारे जीवन का हर दिन माँ के नाम समर्पित होना चाहिए क्योकि वो ही हमारे जीवन का आधार है...
आज मातृ दिवस के मौके पर पेश है माँ के नाम समर्पित कुछ लाइने....

माँ कुछ ऐसी होती है,
माँ कुछ ऐसी होती है.

एक नया रिश्ता दे देता,
खेल खेल में एक कहानी.
मंद मंद मुस्कान बिछाकर,
पेट पालती प्रेम निशानी.
जीवन बगिया को महका कर,
जनती सीपी मोती है.

माँ कुछ ऐसी होती है...

खेल खेलाती, बातें कराती,
हाथ पकड़ चलन सिखलाती.
रुखा-सुखा खुद खा लेती.
सबसे अच्छा मुझे खिलाती.
मुझको सूखा बिस्तर देती,
गीले बिस्तर पर सोती है.

माँ कुछ ऐसी होती है...

चलते चलते गिर पड़ता तो,
मुझे उठा कर सहला देती.
चोट लगे तो में रो देता,
मेरे संग वो भी रो देती.
उसके भीतर मै रहता हूँ ,
मेरे भीतर वह होती है.

माँ कुछ ऐसी होती है...
माँ कुछ ऐसी होती है...


माँ सबकी एक जैसी है !


बस से उतर कर पॉकेट में हाथ दाल मैं शॉक हो गया मेरी पॉकेट कट चुकी थी!

पॉकेट में था भी क्या..?? कुल १५० रूपए और एक ख़त..!! जो मैंने अपनी माँ को लिखा था के मेरी नौकरी ख़त्म हो गयी है अभी पैसे नही भेज पाऊंगा..! ३ दिन से वो पोस्टकार्ड मेरी पॉकेट में पड़ा था...! पोस्ट करने को मन नही कर रहा था..! वैसे तो १५० रूपए कोई बड़ा अमाउंट नही था लेकिन जिसकी नौकरी चली गयी हो उसके लिए १५० रूपए १५०० रूपए से कम नही होते...! कुछ दिन गुज़रे माँ का ख़त मिला..! पढने से पहले..मैं सहम गया...! ज़रूर पैसे भेजने को लिखा होगा...! लेकिन ख़त पढ़कर मैं शॉक हो गया..! माँ ने लिखा था: " बेटा, तेरा ५०० रूपए का भेज हुआ मनी आर्डर मिल गया है..! तू कितना अच्छा है..! पैसे भेजने में कभी लापरवाही नही करता...!" 
मैं इसी सोच में पड़ गया कि आखिर मनी आर्डर किसने भेजा होगा...?? कुछ दिन बाद.. एक और लेटर मिला ..! बड़ी बेकार हैंडराइटिंग थी.. बड़ी मुश्किल से पढ़ पाया..! उसमें  लिखा था...

" भाई १५० रूपए तुम्हारे और ३५० रूपए अपनी ओर से मिला कर मैंने तुम्हारी माँ को मनी आर्डर भेज दिया है...! फ़िक्र न करना..! माँ तो सबकी एक जैसी होती है ना..!! वो क्यूँ भूखी रहे..??"

                                                                                                           तुम्हारा - पॉकेटमार भाई..!!!! °°°°°

सच है... आदमी चाहे जितना भी बुरा काम क्यों न करता हो....
माँ के लिए फीलिंग तो सभी में एक जैसी है ।

Wednesday 8 May 2013




सारी रात मैंने जन्नत के नज़ारे देखे.. सुबह जब आँख खुली तो सर माँ कि गोद में था !

Thursday 25 April 2013

एक 8 साल के एक लडके की माँ मर जाती है..!
एक दिन एक आदमी ने उस लडके से पुछा कि,
बेटा, तुझे अपनी नई माँ और अपनी मरी हुई माँ मेँ
क्या फर्क लगा..?

तो वह लडका बोला : मेरी नई माँ सच्ची है और
मरी हुई माँ झुठी थी..!!

यह सुनकर वह आदमी अचरज मेँ पड गया,
फिर बोला : क्यु बेटा तुझे ऐसा लगता है..?
जिसने तुझे अपनी कोख से जन्म दिया वह
झुठी और कल तक आई हुई माँ सच्ची क्यु
लगती है..?

तो लडका बोला : जब मैँ मस्ती करता था तब
मेरी माँ कहती थी कि "अगर तु इस
तरह करेगा तो तुझे खाना नही दुगीँ" फिर भी मैँ
बहुत मस्ती करता रहता था.
और मुझे पुरे गाँव मेँ से ढुढँ कर घर लाती और
अपने पास बिठाकर अपने
हाथो से खाना खिलाती थी..!!

और यह नई माँ कहती है कि "अगर तु
मस्ती करेगा तो तुझे खाना नही दुँगी.... और सच मेँ उसने
मुझे आज तीन दिन से खाना नही दिया।