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Sunday, 8 May 2011

माँ हूँ मै !

माँ और बच्चों के प्रेम को दुनिया का सबसे अनोखा रिलेशन माना गया है. गरीब हो या अमीर, माँ ही अपने बच्चों को अन-कंडीशनल (बेशर्त) प्रेम करने की चमता रखती है. यह भाव सिर्फ मानव में नहीं है, प्रकृति की हर जीवंत रचना में है |

  • माँ वह है, जो सबकी जगह ले सकती है, लेकिन उसकी जगह कोई नहीं ले सकता |
  • अपनी माँ के बारे में बताना उसी तरह से है, जिस तरह ईशवर की शक्ति के बारे में बताना |
आइये सब मिलकर सलाम करे उस माँ को जो हमे बेपनाह प्यार करती है |

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