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Saturday 12 May 2012

माँ रेशम का तार ।

माँ चन्दन  की गंध  है, माँ रेशम का तार ।
बंधा हुआ  जिस  तार से, सारा ही घर द्वार ।


माँ थी घर में जब  तलक , जुड़े रहे सब तार ।
माँ के जाते ही उठी, आँगन  में दीवार ।


यहाँ वहां सारा जहाँ, नापे अपने पाँव ।
माँ के आँचल सी, नहीं और कही भी छावं ।


रिश्तों का इतिहास  है, रिश्तों का भूगोल  ।
संबंधों में जोड़ का , माँ है फेविकोल ।

1 comment:

  1. रिश्तों का इतिहास है, रिश्तों का भूगोल ।
    संबंधों में जोड़ का , माँ है फेविकोल ।
    वाह!!!!

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