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Sunday 2 May 2010

माँ और मैं !



  • एक हस्ती है जो जान है मेरी, जो आन से बढ़कर मान है मेरी, खुदा हुक्म दे तो कर दूँ सजदा उसे, क्योकि वो कोई और नहीं माँ है मेरी.
  • एक दिन माँ से पूछा के माँ के मरने के बाद दुआ कौन करेगा? तो माँ बोली.. समंदर सूखने के बाद भी रेत में नमी रह जाती है.
  • माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ, थक गयी हूँ मुझे अपने आँचल में सुलाओ, उंगलिया अपनी फेर कर बालों में मेरे, एक बार फिर से बचपन की लोरियां सुनाओ.
  • फूलों सी सुन्दर है मेरी माँ, सब कुछ है मेरी माँ में, नहीं कुछ भी ज़रूरत मुझे, गम,दर्द दे या ज़हर पिला दे, मैं उसको पूजती हूँ, वो ही मेरी इबादत है.
  • माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाये, जिसको निगाहों में बैठाया जाये, रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा की, वो अगर उदास हो तो हमसे भी मुस्कराया न जाये.
  • मन की बात जान ले जो, आँखों से पढ़ ले जो, दर्द हो चाहे ख़ुशी, आंसू की पहचान कर ले जो, वो हस्ती जो बेपनाह प्यार करे, 'माँ' ही तो है वो जो बच्चों के लिए जिए.
  • दास्ताँ मेरे लाड़ प्यार की बस, एक हस्ती क इर्द गिर्द घुमती है, प्यार जन्नत से इसलिए है मुझे, क्योकि ये मेरे माँ के कदम चूमती है.
  • जब हम बोलना नहीं जानते थे, तब हमारे बोले बिना माँ हमारी बातों को समझ जाती थी, और आज , हम हर बात पर कहते है, छोड़ो माँ आप नहीं समझोगी.

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