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Friday, 13 January 2012

माँ भूखी रहती है !


माँ भूखी रहती है
खिलाने के लिए,
मेहनत मजदूरी करती है
पढ़ाने के लिए .


सादगी में रहती है
अच्छा पहनाने के लिए,
लाल-पीली होती है
सही राह दिखाने के लिए.


खून-पसीना बहाती है
अच्छा इंसान बनाने के लिए,
हर गम सहती है
बुराइयों से बचाने के लिए.


बड़े होकर कुछ कर दिखाएँ
गर्व करने के लिए,
किसी एक के लिए नहीं
कहती है सारे जमाने के लिए |

2 comments:

  1. बेनामी18 January 2012 at 08:39

    Atyant Sundar Rachana....!

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  2. सादगी में रहती है
    अच्छा पहनाने के लिए,
    लाल-पीली होती है
    सही राह दिखाने के लिए.
    वाह!!!
    लाजवाब सृजन।

    ReplyDelete